वेद कथा में आचार्यश्री डॉ. संजय देव का दिव्य संदेश
इन्दौर 10 मई 2009 । भारतीय संस्कृति के प्रखर चिन्तक वेद मनीषी आचार्यश्री डॉ. संजयदेव ने कहा है कि "वेद के अनुसार आचरण करने से ही व्यक्ति सच्चा मनुष्य बन सकता है। जिस दिन भारत के लोग पुनः वेद के अनुसार अपना जीवन यापन करते हुए अपने सब कर्त्तव्यों का पालन निष्ठापूर्वक और राष्ट्र के हित की भावना से करने लगेंगे, तो भारत फिर से जगद्गुरु तथा विश्व की महानतम शक्ति बन जाएगा।''
आचार्यश्री ने दिव्य मानव मिशन द्वारा बैक कालोनी में आयोजित वेद कथा के अवसर पर यह विचार प्रकट किये। आचार्यश्री ने कहा कि "वेदों में मनुष्य को सच्चा मनुष्य बनने का सन्देश दिया गया है। आज प्रशासक, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील और नेता तो बन रहे हैं तथा बनाए जा रहे हैं । परन्तु मनुष्य को सच्चा मनुष्य बनाने की ओर किसी भी सरकार या संगठन का ध्यान नहीं है । यही कारण है कि आज समाज का नैतिक स्तर निरन्तर गिरता जा रहा है, जिसके अनेक प्रकार के दुष्परिणाम हमारे सामने आ रहे हैं तथा समाज में अपराध और आतंक की घटनाएं तेजी से बढ रही हैं।''
आचार्यश्री ने कहा कि "वेदों में सबके सुख और कल्याण की कामनाएँ की गई हैं। सबके सुख में ही अपना सुख निहित है। अपने आस-पास दुःख रहते हुए भी यदि कोई व्यक्ति अकेले ही सुखी होने की इच्छा करे तो यह उसका भ्रम है। यदि आस-पास आग लगी है तो अकेला हमारा मकान कैसे सुरक्षित रह सकता है? संसार में केवल अपना ही ध्यान रखने से काम नहीं चल सकता। यदि परिवार का हर एक व्यक्ति केवल अपना-अपना ही ख्याल रखे तो परिवार बिखर जाएगा। जिस परिवार में प्रत्येक व्यक्ति दूसरों के सुख में ही अपना सुख समझता है, वही परिवार सुखी और समृद्ध बनता है। यही नियम समाज और राष्ट्र पर भी लागू होता है। समाज और राष्ट्र के उन्नत होने पर ही हम भी उन्नत होंगे। राष्ट्र की उन्नति ही नागरिकों की उन्नति का मार्ग प्रशस्त करती है।''
आचार्यश्री ने आगे कहा कि "सब ग्रंथों के उपदेश तथा शिक्षाएं मनुष्य के लिए ही है। किसी पशु के लिए नैतिक शिक्षा की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि उनमें विचार शक्ति नहीं होती तथा न ही उन्हें इसकी आवश्यकता है। पशु जैसा होता है वैसा ही पूर्ण होता है। पशुओं की नस्ल सुधारने के लिए प्रयास तथा अनुसंधान किये जा रहे हैं। परन्तु मनुष्य के सुधार के लिए कोई कार्य नहीं हो रहा। आज की शिक्षा, शिक्षा न होकर अक्षर ज्ञान मात्र है।''
इस अवसर पर पं.सतपाल शास्त्री के सुमधुर भजन भी हुए। नितिन लकड़े ने आचार्यश्री का स्वागत किया तथा आभार प्रकट किया। प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
जीवन जीने की सही कला जानने एवं वैचारिक क्रान्ति और आध्यात्मिक उत्थान के लिए
वेद मर्मज्ञ आचार्य डॉ. संजय देव के ओजस्वी प्रवचन सुनकर लाभान्वित हों।
परमात्मा सबका प्रेरक है।
Ved Katha Pravachan - 72 (Explanation of Vedas) वेद कथा - प्रवचन एवं व्याख्यान Ved Gyan Katha Divya Pravachan & Vedas explained (Introduction to the Vedas, Explanation of Vedas & Vaidik Mantras in Hindi) by Acharya Dr. Sanjay Dev