वेद स्वाध्याय में आचार्यश्री डॉ. संजयदेव के विचार
इन्दौर 14 जून 2009, भारतीय संस्कृति के प्रखर चिन्तक वेद मर्मज्ञ आचार्यश्री डॉ. संजयदेव ने कहा है कि "वेदों में राष्ट्रीय एकता का सन्देश दिया गया है। राष्ट्र और समाज की उन्नति के लिये तथा समाज के कल्याण एवं अभ्युदय के लिये सब लोगों को मिल जुलकर रहना चाहिये। समाज के हित को ध्यान में रखते हुए आपसी फूट से बचे रहना चाहिये।'' आचार्यश्री ने दिव्य मानव मिशन द्वारा बैक कालोनी में आयोजित वेद स्वाध्याय के अवसर पर यह विचार प्रकट किये।
आचार्यश्री ने इतिहास के उदाहरणों के माध्यम से वेदों के सन्देश को समझाते हुए कहा कि "संसार की वीर से वीर जातियों का पतन आपसी फूट से ही हुआ है। कौरवों और पांडवों का युद्ध आपसी फूट का ही परिणाम था, जिसके कारण बहुत ज्यादा जन-धन की हानि उठानी पड़ी थी। भारत के इतिहास के पन्ने दुर्भाग्यवश आपसी फूट की घटनाओं से भरे पड़े हैं। आपसी फूट होने के कारण ही हमें लम्बे समय तक पराधीन रहना पड़ा। वीरता में तथा युद्ध कौशल में भारत के वीर किसी से कम नहीं थे। परन्तु आपसी फूट के कारण हारते रहे तथा विदेशी हमारा शोषण करते रहे।''
आचार्यश्री ने कहा कि "प्राचीन इतिहास से सबक लेते हुए वेदों के उपदेशों को अपने जीवन में ढालकर हमें मिलजुलकर रहते हुए राष्ट्र एवं समाज की उन्नति का प्रयास करते रहना चाहिए। वेदों के सन्देश के अनुसार चलने से ही भारत का प्राचीन गौरवशाली वैभव पुनः स्थापित हो सकता हैतथा भारत फिर से विश्व का सिरमौर बन सकता है।''
इस अवसर पर श्री सतपाल शास्त्री के सुमधुर भजन भी हुए। नितिन लकड़े ने आचार्यश्री का स्वागत किया तथा आभार प्रकट किया।
जीवन जीने की सही कला जानने एवं वैचारिक क्रान्ति और आध्यात्मिक उत्थान के लिए
वेद मर्मज्ञ आचार्य डॉ. संजय देव के ओजस्वी प्रवचन सुनकर लाभान्वित हों।
पर्यावरण के शोधन के लिए यज्ञ अनिवार्य है।
Ved Katha Pravachan - 70 (Explanation of Vedas) वेद कथा - प्रवचन एवं व्याख्यान Ved Gyan Katha Divya Pravachan & Vedas explained (Introduction to the Vedas, Explanation of Vedas & Vaidik Mantras in Hindi) by Acharya Dr. Sanjay Dev