बुरे कार्य करते देखकर भी किसी को नहीं रोकना-टोकना एक प्रकार से मौन समर्थन माना जाता है और इसकी गणना अपराध की श्रेणी में की जाती है। दूसरी ओर वे लोग हैं, जो हर बात में दूसरे की हाँ-में-हाँ मिलाते हैं, कार्य चाहे अच्छा हो या खराब कर्ता की प्रशंसा करते हैं। यह मनोवृत्ति भी अच्छी नहीं। बुरे व्यक्ति की सराहना करने से उनकी हिम्मत और बढ़ जाती है। फिर वह दुने उत्साह से निंदनीय कर्म की ओर प्रवृत होते हैं। यह यथार्थ है।
Not stopping someone even after seeing bad deeds is considered a kind of silent support and it is counted in the category of crime. On the other hand, there are those people who say yes to each other in everything, praise the doer whether the work is good or bad. This attitude is also not good. Appreciating a bad person only increases their courage. Then they tend towards reprehensible deeds with double enthusiasm. This is real.
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