विवेकशीलता क्या है ? उत्तर - परमार्थ करते समय व्यवहार भी उसी कुशलता के साथ निभाना चाहिए। व्यवहार के समय व्यवहार और परमार्थ के समय परमार्थ करना विवेकशीलता है।
आचार्यश्री डॉ. संजयदेव के प्रवचनों एवं कार्यक्रमों का आयोजन आचार्यश्री डॉ. संजयदेव के द्वारा समस्त भारत में वेदकथा, ओजस्वी एवं क्रान्तिकारी राष्ट्रीय विषयों पर वैदिक प्रवचन, श्रीराम कथा, उपनिषद कथा, गीता कथा तथा आध्यात्मिक-पारिवारिक प्रवचन एवं वैदिक प्रबन्धन, व्यक्तित्व विकास, वैदिक पर्यावरण विषयक व्याख्यानों के लिये दिव्ययुग कार्यालय से सम्पर्क किया जा सकता है। आचार्यश्री ने विधिवत चारों वेदों का गहन अध्ययन करने के पश्चात 'यजुर्वेद में पर्यावरण' विषय में डॉक्टर ऑफ फिलासफी की उपाधि प्राप्त की। तत्पश्यात इन्हें विभिन्न शासकीय एवं अशासकीय कॉलेजों से प्रध्यापक पद के प्रस्ताव मिले, परन्तु राष्ट्र की वर्तमान स्थिति की पीड़ा और वैदिक संस्कृति के प्रसार की उत्कंठा के कारण इन प्रस्तावों को उन्होंने अस्वीकार कर दिया। आचार्यश्री का मत है कि प्रध्यापक का पद प्रप्त कर वे सपरिवार सुख-सुविधाओं का भोग तो कर सकते थे, किन्तु राष्ट्र और समाज के ऋणों से मुक्त नहीं हो सकते थे। निज संस्कृति के प्रति आचार्यश्री की इसी पीड़ा ने जन्म दिया 'दिव्य मानव मिशन' को। मिशन के माध्यम से आचार्य संजयदेव जी अपने लक्ष्य की ओर सतत अग्रसर हैं। मिशन द्वारा वर्तमान में भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत मासिक पत्रिका 'दिव्ययुग' का अप्रैल 2002 से प्रकाशन किया जाता है। राष्ट्रवादी और वैदिक विचारों की प्रबल पक्षधर 'दिव्ययुग' पत्रिका राष्ट्र विरोधी तत्वों और सांस्कृतिक प्रदूषण के विरुद्ध आघात करने में किंचित मात्र भी नहीं चूकती। इस पत्रिका को हिन्दी भाषी राज्यों के अतिरिक्त सुदूर दक्षिण से लेकर पूर्वोतर के राज्यों में भी अच्छा प्रचार मिल रहा है।'दिव्ययुग' व्यक्ति पूजा से परे पूर्णत: राष्ट्रीय विचारों एवं वैदिक संस्कृति को समर्पित है। प्राणी मात्र के कल्याण की कामना केवल वैदिक संस्कृति में ही निहित है, परन्तु पाश्चात्य संस्कृति के अंधानुकरण के कारण 'सर्वे भवन्तु सुखिन:' की परम्परा शनै:-शनै: लुप्त होती जा रही है। अपसंस्कृति रूपी विष का एकमात्र उपचार वेदामृत है। राष्ट्र की वर्तमान राजनीतिक एवं सामाजिक परिस्थितियों से व्यथित आचार्यश्री डॉ.संजयदेव जी ने वैदिक संस्कृति के प्रचार-प्रसार का महान संकल्प लिया है। राष्ट्रीय प्रशासनिक मुख्यालय
दिव्य मानव मिशन ट्रस्ट
दिव्ययुग परिसर, 90, बैंक कॉलोनी, अन्नपूर्णा रोड
इन्दौर (मध्य प्रदेश) 452009
फोन : 0731-2489383, 9302101186
Acharya Dr. Sanjay Dev is a renowned Vedic Scholar, vedic trainer and lecturer who has profound knowledge in Vedas, Ved katha, Hindu Sanskar and Vedic Pravachan. He founded Divya Manav Mission Charitable Trust for the serving the society at large. He believes that Veda is the answer for every misery. His Vision is to bring back the Glory to Vedas and distribute the benefits to the hindu society. He has profound knowledge in Vedas, Upanishads, Puranas, Ramayana, Shrimad Bhagavad Gita, Mahabharat, Vedic Philosophy, Yoga, Vedic Yajnas, Vedic Management etc. If you are looking for audio video dvd or Vedic Magazines for vedas in Gulbarga, you may contact us.
Divyayug Patrika
Subscribe the Divyayug Monthly Hindi magazine for Vedas and Vedic knowledge throught provoking articles on self awareness, social ethical awaiking and spritual development in simple and lucid language. Contact us to subscribe this magazine at your place in Gulbarga.
भारतीय संस्कृति के गौरवशाली स्वरूप के ज्ञान के लिए तथा बच्चों व युवकों में मातृ-पितृ-देशभक्ति के भाव भरने के लिये एवं सरल भाषा में वेदज्ञान, वैदिक प्रबन्धन, स्वास्थ्य, बाल-वाटिका, युवा-मंच व क्रान्तिकारी समसामयिक राष्ट्रीय विषयों से युक्त और सनातन वैदिक संस्कृति एवं हिन्दुत्व-जागरण को समर्पित तथा सत्य सनातन धर्म का प्रबल प्रहरी एवं मानव मात्र को उसके कर्त्तव्यों के प्रति सचेत करते हुए मानव अधिकार संरक्षण हेतु सतत प्रयत्नशील व मानव निर्माण के उदात्त विचारों से ओतप्रोत पारिवारिक-सामाजिक-नैतिक-राष्ट्रीय चेतना के सर्वांगीण मासिक पत्र 'दिव्ययुग' के सदस्य बनकर राष्ट्रनिर्माण कार्य में सहभागी बनें । अपना सदस्यता शुल्क 'दिव्ययुग' के नाम से देय डिमाण्ड ड्राफ्ट या मनीआर्डर द्वारा प्रेषित करें। दिव्ययुग कार्यालय, 90 बैंक कालोनी, अन्नपूर्णा मार्ग * दिव्ययुग पत्रिका ही नहीं, एक अभियान भी है । यदि यह अभियान आपको प्रिय है, तो इस पुण्य कार्य में अपना सहयोग दीजिए । यह एक महायज्ञ है । अपने मित्रों और परिजनों में से दिव्ययुग का कम से कम एक सदस्य बनाकर इस पुनीत यज्ञ में अपनी आहुति देकर पुण्य के भागी बनिये । स्वयं पढकर दूसरों को पढने हेतु भी अवश्य दीजिए । वेदज्ञान का राष्ट्रीय मासिक पत्र 'दिव्ययुग'
इन्दौर-452009 (म.प्र.) मोबाईल- 9302101186
* यह अभियान है भारत राष्ट्र के जागरण का ।
* यह अभियान है सामाजिक समता भाव के स्फुरण का ।
* यह अभियान है भारतीय संस्कृति के तर्कसंगत पृष्ठपोषण का ।
* यह अभियान है जन - जन तक वेद का पवित्र सन्देश पहुँचाने का ।
* यह अभियान है सत्य सनातन वैदिक भारतीय संस्कृति के जागरण का ।
* यह अभियान है वैदिक हिन्दू धर्म के विश्वबन्धुत्वमय स्वरूप को दर्शाने का ।
* यह अभियान है मानवमात्र को अपने कर्त्तव्य एवं अधिकारों के प्रति सजग करने का ।
Search Terms :
Gulbarga - Explanation of Vedas in Hindi Gulbarga, Vedic Motivational Speaker & Life Coach in Gulbarga, Vedic Scholar Acharya Dr. Sanjay Dev in Gulbarga, Vaidik Hindu Rashtra Katha in Gulbarga, Ved - Upanishads - Ramayan - Mahabharat - Puran - Gita - Bhagwat Gyan - Katha - Pravachan in Guna - Gwalior - Harda - Raigarh - Rajnandgaon - Raipur, Way of Success Life & Positive Thoughts by Powerfull Vedic Mantras, Peaceful Gayatri Mantra, Vedic Way of Happiness in Life, Vedas Explanation in Hindi Gulbarga, Hindi Explanation of Vedas in Gulbarga, buy vedas online Gulbarga, buy vedas dvd Gulbarga, buy vedas in hindi Gulbarga, buy vedas audio Gulbarga, vedas dvd Gulbarga, vedas dvd price Gulbarga, vedas dvd download Gulbarga, listen ved puran Gulbarga, listen vedas in hindi Gulbarga, listen vedas online Gulbarga, vedas in hindi, information on vedic literature Gulbarga, early vedic literature Gulbarga, history of vedic literature Gulbarga, ved katha hindi Gulbarga, buy hindu vedas Gulbarga, buy audio cd vedas Gulbarga, ved gyan hindi Gulbarga, ved gyan in hindi Gulbarga, vedic satsang Gulbarga, ved gyan dvd Gulbarga, जीवन जीने की सही कला जानने एवं वैचारिक क्रान्ति और आध्यात्मिक उत्थान के लिए वेद मर्मज्ञ आचार्य डॉ. संजय देव के ओजस्वी प्रवचन सुनकर लाभान्वित हों, मानवता ही मनुष्य का धर्म, Ved Katha Pravachan - 19 , Explanation of Vedas & Dharma, वेद कथा - प्रवचन एवं व्याख्यान Ved Gyan Katha Divya Pravachan & Vedas explained, Introduction to the Vedas, Explanation of Vaidik Mantras in Hindi by Acharya Dr. Sanjay Dev.
Vedic knowledge Gulbarga, vedic religious cds in Gulbarga, hindi masik patrika Gulbarga, buy ved gyan dvd Gulbarga, ved katha dvd Gulbarga, vedic patrika Gulbarga, hindi dharmik magazine Gulbarga, vedic religious hindi magazines in Gulbarga, indian religious magazines in Gulbarga, buy hindu religious books Gulbarga, buy hindu religious magazines Gulbarga, buy hindu religious magazines in Gulbarga, hindu dharmik sanstha Gulbarga, hindu dharma granth Gulbarga, online hindi magazine shopping Gulbarga, online hindi magazine subscription Gulbarga, online hindi magazines in Gulbarga, online hindi magazines read free Gulbarga, Ved Upanishad Puran Gita Bhagwat katha in Gulbarga, Ram katha in Gulbarga.
Hinduism in Gulbarga, Hindu Sanskar in Gulbarga, Divyayug Nirman Trust Gulbarga, Divya Manav Mission Trust Gulbarga, Ved Mantra Gyan in Gulbarga, Mantras, Gayatri Mantra in Gulbarga, Mahamrityunjaya Mantra Jaap in Gulbarga, Ved Mandir in Gulbarga, Divyayug Magazine in Gulbarga, Divya Yug Magazine in Gulbarga, news magazine in Gulbarga, social magazines in Gulbarga, religious magazines in Gulbarga, vedic science magazine in Gulbarga, lifestyle magazine in Gulbarga, vedic books in Gulbarga, Monthly hindi magazine in Gulbarga.
Human Rights and Duty in Vedas, Human Rights Gulbarga, Manav Adhikar Gulbarga, Magazines For Youth Gulbarga, magazines for current affairs Gulbarga, Youth Issues Magazines & Journals Online Gulbarga, management magazines in Gulbarga, vedic management magazine in Gulbarga, Bhagavad Gita management magazine in Gulbarga, Management Thoughts.
Vedas management magazine in Gulbarga, Vedic Life management magazine Gulbarga, spiritual magazines in hindi Gulbarga, Hindu Spiritual Magazines Gulbarga, hindi spiritual thoughts magazines Gulbarga, hindu spiritual websites in Gulbarga, Vedic Study in Gulbarga, Katha Satsang Pravachan Bhajan in Gulbarga, manav adhikar, मानव अधिकार
भटके हुए गुरुओं का मार्गदर्शन मत पन्थों के चलाने वालों ने अपने स्वार्थ व प्रयोजन को सिद्ध करने के लिये असत्य का सहारा लिया तथा जनसाधारण के प्रयोजन को सर्वथा नकार दिया। ऐसे मिथ्यावादी लोग अपने अनुयायियों को इतना पंगु बना देते हैं कि बिना गुरु के वे एक पग भी नहीं चल सकते। दूसरा कमाल उन्होंने यह किया है कि उनके रहते ईश्वर की कोई जरूरत...